* सलाह ---
फूल ने फूल से फूल कर ये कहा -
फूल कर तो कोई फूल पाता नहीं |
फूल कर तो कोई फूल पाता नहीं |
फूलना है अगर , फूल बन कर जियो ;
फूल कर फूलना जग को भाता नहीं ||---------------------------------------------------------------------------------* ज़िंदगी ---
ज़िंदगी को ज़िंदगी सीधी समझने दो मुझे ,
फ़ल्सफ़ा ढूँढा , तो पूरी बिखर कर रह जाएगी !!
---------------------------------------------------------------------------------* नेमत ---
ज़िंदगी को फ़ल्सफ़ा कहने से पहले सोचिए -
'' खुदा की नेमत है'' - इसकी कद्र करना चाहिए !!
-------------------------------------------------------------------------------- * ग़नीमत ---
डूबती क़श्ती को , कोई तो बचने आया -
भले तिनका था वो , लेकिन दिल तो उसका देखिये !!--------------------------------------------------------------------------------- * दस्तूर ---
इस बेढंगी सी दुनियाँ का, दस्तूर भी कुछ निराला है -उजालों से मुँह चुराते लोग, अंधेरों में ढूँढते उजाला हैं |
------------------------------------------------------------------------------- * ग्रहण ---
दूर वादी में खिला चाँद - आज मुरझाया ,
नज़र किसी की लगी थी, कोई ''ग्रहण'' समझा !!
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* खौफ़ ---
बात कहते हुए 'उसूल' की , डर लगता है ;
कहीं अपना कोई , दिल पर इसे न ले बैठे !!
-------------------------------------------------------------------------------- * साथी ---
तनहा चलना है तंग राहों में ,
क़ाफ़िले साथ नहीं चलते हैं ;
क़हक़हे मिल के सब लगाते हैं -ग़म अकेले ही दिल में पलते हैं |
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सर्वाधिकार सहित , स्व-रचित रचना
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