अच्छे सी शुरुवात.........
आओ कुछ अच्छी बात करें, एक छोटी सी शुरूवात करें - - - -
छोटी सी शुरूवात भला क्यों मन में आईं ,
बड़ी-बड़ी बातें करना क्यों मन ना भाईं ?
बड़ा पेड़ भी पहले नन्हा पौधा ही था ,
पकी धान के खेत में रोपा जरवा ही था |
तिनका एक चोंच में लेकर चिड़िया आई ,
नीड़ घना फिर बना , बसा , दाना ले आई |
नन्हें बच्चे चोंच खोल कार दाना खाते ,
चिड़ा-चिड़ी पर पहला दाना भूल न पाते |
नन्हा उद्गम ही प्रवाह का कारण होता ,
मिलते नद-नाले सागर में विलयन होता |
एक अकेला निकल राह में हाँक लगाता ,
कुछ घंटों के बाद वही जत्था बन जाता |
कुछ करने से कुछ करने का मन बनता है ,
मन लगने से उन बातों का क्रम बनता है |
जाने कितनी ऐसी बातें मन में आतीं ,
''सोच'' बड़ी सी पुस्तक - परतें खुलती जातीं |
नेक काम की शुरूवात अब यूँ करना है -
'' भ्रष्टाचार किसी स्तर का नहीं सहना है'' ||
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सर्वाधिकार सहित , स्व-रचित रचना
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